की मजहब बड़ा है या इन्सानियत और यह सोचकर की जब ईश्वर ने अपने सब बन्दो को अपनी सेवा में की मजहब बड़ा है या इन्सानियत और यह सोचकर की जब ईश्वर ने अपने सब बन्दो को अपनी...
रात में भी कुछ नहीं खाया था। देख असकली बनाई है। रात में भी कुछ नहीं खाया था। देख असकली बनाई है।
महीनों बाद जब वो अपने मायके आई तो उससे मिलने वालों का जैसे वहाँ तातां लग गया। महीनों बाद जब वो अपने मायके आई तो उससे मिलने वालों का जैसे वहाँ तातां लग गया।
सुरभि दंग रह गयी सुनकर की नीरज को मारने में उसके अपने पिता का ही हाथ है सुरभि दंग रह गयी सुनकर की नीरज को मारने में उसके अपने पिता का ही हाथ है
आज भी जब वो 30 घंटे याद करती हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते है।आज भी जब मैं परेशान होती हूँ आज भी जब वो 30 घंटे याद करती हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते है।आज भी जब मैं परेशान हो...
"पापा आपके अंगूठे में ये चोट बार बार क्यों लग जाती है देखिये ना रोज़ दवा लगाता हूँ पर ज़ख्म कम ही नही ... "पापा आपके अंगूठे में ये चोट बार बार क्यों लग जाती है देखिये ना रोज़ दवा लगाता हू...